बिस्मिल्लाहिर रहमानिर्रहीम -------------- ✦अल क़ुरान : कुल हुवल्लाहु अहद अल्लाहुस-समद लम यलीद वा लम युलद वा लम यकुल्लाहू कुफुवान अहद कह दो वो अल्लाह एक है, अल्लाह बेनीयाज़ है, ना उसकी कोई औलाद है और ना वो किसी की औलाद है, और उसके बराबर का कोई नही है सुरह अल-इख्लास (112) अबू दर्दा रदी अल्लाहू अन्हु से रिवायत है की रसूल-अल्लाह सलअल्लाहू अलैही वसल्लम ने फ़रमाया क्या तुम में से कोई इस बात से थक जाता है की हर रात एक तिहाई कुरान पढ़ ले सहाबा रदी अल्लाहु अन्हुमा ने अर्ज़ किया की तिहाई कुरान (एक रात में) कैसे पढ़ सकते हैं , आप सलअल्लाहू अलैही वसल्लम ने फ़रमाया कुल हुवल्लाहु अहद ( सुरह ईखलास ) एक तिहाई कुरान के बराबर है सही मुस्लिम , 1886 अबू हुरैरा रदी अल्लाहू अन्हु से रिवायत है की रसूल-अल्लाह सलअल्लाहू अलैही वसल्लम हमारे पास आए और फरमाया मैं तुम्हारे सामने एक तिहाई क़ुरान पढता हूँ , फिर आप सलअल्लाहू अलैही वसल्लम ने क़ुल हुवल्लाहू अहद (सुराह अल-इख्लास) पढ़ी यहाँ तक की इस सुरह को ख़तम किया सही मुस्लिम, 1889 -----------