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Showing posts with the label Hindi Al slisila as sahiha

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सुबाह को पधाने का अज़कर

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बिस्मिल्लाहिर रहमानिर्रहीम ========= ✦ अब्दुल रहमान रदी अल्लाहू अन्हु अपने वालिद से रिवायत करते हैं की रसूल-अल्लाह सल-अल्लाहू अलैही वसल्लम हमको सिखाया करते थे की जब सुबह हो तो ये कहा करो  أَصْبَحْنَا عَلَى فِطْرَةِ الْإِسْلَامِ وَعَلَى كَلِمَةِ الْإِخْلَاصِ وَعَلَى دِينِ نَبِيِّنَا مُحَمَّدٍ صَلَّى اللَّهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَ وَعَلَى مِلَّةِ أَبِينَا إِبْرَاهِيمَ حَنِيفًا مُسْلِمًا وَمَا كَانَ مِنْ الْمُشْرِكِينَ --------- ✦ असबहना आला फ़ितरतिल इस्लाम , वा आला  कालिमतिल इख्लास वा आला  दीनी नबीयीना मुहम्मदीन  सल-अल्लाहू अलैही वसल्लम  वा आला मिल्लती अबीयीना इब्राहिमा  हनीफन मुस्लीमन वामा काना मीनल मुशरीकिन   --------- ✦ हमने फ़ितरत ए इस्लाम पर और कलमा ए इख्लास पर, और अपने नबी मुहम्मद सल-अल्लाहू अलैही वसल्लम  के दीन पर और अपने वालिद इब्राहिम अलैही सलाम जो मुसलमान थे और मुशरिकों में से ना थे की मिल्लत पर सुबह की --------- तबरानी - 293-सही मसनद अहमद 14938-सही आस-सिलसिला  सहिहा , 2905 ---------

मसाजिडो को आबाद कर्ण वेले अल्लाह सुबानहु के पदोसी है

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बिस्मिल्लाहिर रहमानिरहिम ----- ✦ रसूल-अल्लाह सलअल्लाहू अलैहि वसल्लम  ने फरमाया अल्लाह सुबहानहु क़यामत के दिन आवाज़ देगा मेरे पड़ोसी कहा हैं , मेरे पड़ोसी कहा हैं  , फरिश्तें कहेंगे या रब्ब कौन इस लायक़ है के वो आप का पड़ोसी बने, अल्लाह सुबहानहु फरमाएगा मस्जिदों को आबाद करने वाले कहा हैं (यानी वो अल्लाह के पड़ोसी हैं)  अल-सिलसिला-अस-सहिहा #561 -----

ये ते सूरह तुम्हे हर चीज़ के लिय काफी हो जायेगी

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बिस्मिल्लाहिर रहमानिरहिम ---------------------- ✦ अब्दुल्लाह बिन खुबेब रदी अल्लाहू अन्हु से रिवायत है की रसूल-अल्लाह सल-अल्लाहू अलैही वसल्लम ने फरमाया सुबह और शाम 3 बार सुरह अल-इख्लास और सुरह अल-फलक़ और सुरह अन-नास पढ़  लिया करो , ये तुम्हें हर चीज़ के लिए  काफ़ी हो जाएगी ( यानि हर तरह की परेशानियो से बचने के लिए ये काफी हैं) सुनन अबू दाऊद, जिल्द 3, 1643-हसन ✦ उक़बा बिन आमिर रदी अल्लाहु अन्हु से रिवायत है की की रसूल-अल्लाह सल-अल्लाहू अलैही वसल्लम ने फरमाया हर नमाज़ के बाद आखरी तीन सुरह यानि सुरह अल-इख्लास और सुरह अल-फलक़ और सुरह अन-नास पढ़ा करो  अल सिलसिला अस-सहीहा , 2776 -------------

सुबाह और शम और परेशेशनी के वकत पधने की दुआ

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बिस्मिल्लाहिर रहमानिरहिम ------------------ ✦ रसूल-अल्लाह सल-अल्लाहू अलैही वसल्लम ने फ़ातिमा रदी अल्लाहू अन्हा से फरमाया जब तुम सुबह या शाम करो तो इस  तरह कहा करो  ✦ या हय्यू या क़य्यूम, बी-राहमातिका अस्तगीस , वाअसलिहली शाअनि कुल्लाहू, वाला ताकिलनी इला नफसी तरफता अयनिन अबादा   ✦ एह ज़िंदा हमेशा क़ायम रहने वाले तेरी रहमत के ज़रिए से फ़रियाद  करता हूँ , मेरे तमाम हालात दुरुस्त कर दे और कभी भी पलक झपकने के बराबर भी मुझे मेरे नफ़स के हवाले ना कर . अल सिलसिला अस साहिहा, 2942 ------------

ऐसे अज़कार जिसका जवाब अल्लाह सुबहानहु खुद देते हैं

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बिस्मिल्लाहिर रहमानिरहिम ----------- ✦ हदीस : ऐसे अज़कार जिसका जवाब अल्लाह सुबहानहु खुद देते हैं -------------------- हज़रत अनस रदी अल्लाहू अन्हु से रिवायत है एक आअराबी (देहाती) रसूल-अल्लाह ﷺ के पास आया और कहने लगा या रसूल-अल्लाह सललल्लाहू अलैहि वसल्लम मुझे खैर (वाले  कालीमत) सीखा दीजिये  रसूल-अल्लाह ﷺ  ने उसका हाथ पकड़ कर फरमाया कहो  سُبْحَان اﷲ، وَالْحَمْدُ لِلّٰہِ، وَلَا إِلٰہَ إِلاَّ اللّٰہُ، وَاللّٰہُ أَکْبَرُ  सुबहानअल्लाह  वा अल्हम्दुलिल्लाह वा ला ईलाहा इलअल्लाह वा अल्लाहु अकबर  उस आअराबी ने इन कालीमत को अपनी उंगलियो पर गीना और सोचता हुआ चला गया फिर वापस पलटा तो रसूल-अल्लाह सललल्लाहू अलैहि वसल्लम   मुस्कुराने लगे और उस से फरमाया  तुम क्यू एक ना उम्मीद शख्स की तरहा फ़िक्र कर रहे हो, वो आप सललल्लाहू अलैहि वसल्लम  के क़रीब आया और कहने लगा या रसूल-अल्लाह ﷺ  सुबहानअल्लाह  वा अल्हम्दुलिल्लाह वा ला ईलाहा इलअल्लाह वा अल्लाहु अकबर  ये तो अल्लाह सुबहानहु के लिए है (यानी उसकी तारीफ़ के लिए हैं) मे...

अल्लाह का पड़ोसी उप-सनीखा है जो मसूद में रहता है

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* बिस्मिल्लाहर रहीमर * ----- ✦ रसूल-अल्लाह सलअल्लाहू अलैहि वसल्लम  ने फरमाया अल्लाह सुबहानहु क़यामत के दिन आवाज़ देगा मेरे पड़ोसी कहा हैं , मेरे पड़ोसी कहा हैं  , फरिश्तें कहेंगे या रब्ब कौन इस लायक़ है के वो आप का पड़ोसी बने, अल्लाह सुबहानहु फरमाएगा मस्जिदों को आबाद करने वाले कहा हैं (यानी वो अल्लाह के पड़ोसी हैं)  अल-सिलसिला-अस-सहिहा #561 -----

अल्लाह सर्वशक्तिमान है, सर्वज्ञानी

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बिस्मिल्लाहिर रहमानिरहिम -------------- ✦ अबू ज़र रदी अल्लाहु अन्हु से रिवायत है रसूल अल्लाह ﷺ ने फ़रमाया क़यामत के दिन एक आदमी को लाया जाएगा और कहा जाएगा उसके छोटे छोटे गुनाह उसके सामने पेश करो वो गुनाह उसके सामने लाये जाएंगे जबकि बड़े गुनाह उससे छुपा लिए जाएंगे, उस से  कहा जाएगा तूने फलाह फलाह दिन ये काम किया था वो इक़रार करेगा ,इंकार नहीं करेगा और बड़े गुनाह से डर रहा होगा, कहा जायेगा उससे हर बुराई के बदले एक नेकी दे दो, वो ये सुनकर कहेगा मेरे ऐसे भी गुनाह है जिन्हें मैं यहाँ नहीं देख रहा अबू ज़र रदी अल्लाहु अन्हु ने कहा मैंने रसूल अल्लाह ﷺ को देखा आप ﷺ ये हदीस बयान करके इतना मुस्कुराये के आप ﷺ के दन्दान मुबारक (दांत) नज़र आने लगे अल सिलसिला सहीहा  , 3679 --------------

लोगो माई सबसे ज़्यादा मेहबोब अल्लाह सुबानहु के याहा वो शक्स है जो लोगो को सब्से ज़्यादा नाफा दीन वाला है

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बिस्मिल्लाहिर रहमानिरहिम ----------- ✦ एक आदमी रसूल-अल्लाह ﷺ के पास आया और कहा या रसूल-अल्लाह ﷺ कौनसा शख्स अल्लाह सुब्हानहु  को ज़्यादा महबूब है और कौनसा अमल अल्लाह सुब्हानहु को ज़्यादा पसंदीदा है ? रसूल-अल्लाह ﷺ ने फरमाया  लोगो में सबसे ज़्यादा महबूब अल्लाह सुब्हानहु के यहा वो शख्स है जो लोगो को सबसे ज़्यादा ऩफा देने वाला है और अल्लाह सुब्हानहु को सबसे ज़्यादा पसंदीदा अमल वो खुशी है जो मुसलमान किसी दूसरे मुसलमान को दे या उस की मुसीबत दूर कर दे या उसका क़र्ज़ अदा कर दे या उसकी भूख ख़तम कर दे. अल-सिलसिला अस-सहीहा #209

आयत अल कुर्सी की फ़ज़ीलत

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✦ आयत अल कुर्सी  की फ़ज़ीलत  --------------- ✦ रसूल-अल्लाह सल-अल्लाहू अलैही वसल्लम ने फरमाया जो कोई इसको (आयात अल कुर्सी को) सुबह पढ़ लेगा तो शाम तक शैतान से महफूज़ रहेगा और जो शाम को पढ़ लेगा वो सुबह तक शैतान से महफूज़ रहेगा  अल-हाकीम , अल तरगीब वा अल तरहीब, 1/273- सही ✦ हदीस का मफ्हुम है की जब बिस्तर पर लेटो तो आयात अल कुर्सी ( अल्लाहू ला इलाहा इल्ला हुवा अल हय्युल कय्यूम आख़िर तक ) पूरी पढ़ लेना . (इसके पढ़ने से) अल्लाह सुबहानहु की तरफ से तुम पर एक निगरान फरिश्ता मुक़र्रर रहेगा. और सुबह तक शैतान तुम्हारे क़रीब भी नही आ सकेगा.  सही बुखारी, जिल्द 3, 2311 ✦ रसूल-अल्लाह सल-अल्लाहू अलैही वसल्लम ने फरमाया जिस शख्स ने हर फ़र्ज़ नमाज़ के बाद आयत अल कुर्सी पढ़ी तो जन्नत और उसके दरमियाँ मौत के सिवा कोई और चीज़ रुकावट नही (यानी मौत के बाद उसको जन्नत नसीब होगी) अल-सिलसिला-अस-सहिहा , 749 तबरानी अल कबीर, 6532-हसन सही अल जामे , 6464-सही ✦ रसूल-अल्लाह सल-अल्लाहू अलैही वसल्लम ने फरमाया सुरह बक़रा में एक ऐसी आयत है जो कुरान की सरदार है वो ज...

गम और परेशानी को दूर करने की दुआ

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✦ गम और परेशानी को दूर करने की दुआ  ------------------- अब्दुल्लाह बिन मसूद रदी अल्लाहु से रिवायत है की रसूल-अल्लाह सल-अल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया जिस शख्स को कभी कोई गम या परेशानी पहुंचे और वो ये (दुआ) पढ़े तो अल्लाह सुबहानहु उसकी परेशाई और गम को  दूर फरमा देगा और उसकी जगह कुशादगी (बरकत) अता फरमा देगा सहाबा रदी अल्लाहु अन्हुमा ने पूछा की या रसूल-अल्लाह सल-अल्लाहु अलैहि वसल्लम क्या हम इसको याद कर लें ? तो आप सल-अल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया हाँ , जो शख्स इसको सुने उसको चाहिए की इसको याद कर ले  ------------------ اَللّٰهُمَّ! إِنِّي عَبْدُكَ وَابْنُ عَبْدِكَ وَابْنُ أَمَتِكَ  نَاصِيَتِي بِيَدِكَ مَاضٍ فِيَّ حُكْمُكَ عَدْلٌ فِيَّ قَضَاؤُكَ  أَسْأَلُكَ بِكُلِّ اسْمٍ هُوَ لَكَ سَمَّيْتَ بِهِ نَفْسَكَ أَوْ عَلَّمْتَهُ أَحَدًا مِنْ خَلْقِكَ  أَوْ أَنْزَلْتَهُ فِي كِتَابِكَ أَوِ اسْتَأْثَرْتَ بِهِ فِي عِلْمِ الْغَيْبِ عِنْدَكَ  أَنْ تَجْعَلَ الْقُرْآنَ رَبِيعَ قَلْبِي وَنُورَ صَدْرِي  وَجِلَاءَ حُزْنِي وَذَهَابَ هَمِّي -----------------...

किसी भी मुसलमान की मदद करने का गुण

✦ रसूल-अल्लाह सलअल्लाहु अलैहि वसल्लम  ने फरमाया अगर में किसी मुसलमान भाई के साथ उसकी ज़रूरत पूरी करने के लिए चलूँ तो ये मुझे इस मस्जिद ( मस्जिद ए नब्वी) में एक महीना एतकाफ़ में  बैठने से ज़्यादा महबूब है  अल सिलसिला सहीहा  209  ✦  रसूल-अल्लाह सलअल्लाहु अलैहि वसल्लम  ने फरमाया जो शख्स  अपने भाई की ज़रूरत पूरी करे अल्लाह सुबहानहु  उसकी ज़रूरत पूरी करेगा. जो शख्स किसी मुसलमान की एक मुसीबत को दूर करे अल्लाह सुबहानहु उसकी क़यामत  की मुसीबतों में से एक बड़ी मुसीबत को दूर फरमाएगा और जो शख्स  किसी मुसलमान के ऐब (बुराईयों) को छुपाए अल्लाह सुबहानहु क़यामत में उसके ऐब को छुपाएगा. सही  बुखारी, जिल्द 3, 2442