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टीन किसम के लॉग अनीसे जिन्का ज़मीन में अल्लाह सुब्हानहु है (यानि उकी हिफ़ाज़त अल्लाह के ज़िम्मे है)

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✦ रसूल-अल्लाह सललल्लाहू अलैहि वसल्लम ने फरमाया तीन क़िस्म के लोग ऐसे है जिनका ज़ामीन अल्लाह सुबहानहु है (यानी उनकी हिफ़ाज़त अल्लाह के ज़िम्मे है) एक वो जो अल्लाह सुबहानहु के रास्ते में जिहाद के लिए निकले अल्लाह सुबहानहु उसका ज़ामीन है या उसे मौत दे कर जन्नत मैं दाखिल करेगा या अजर दे और गनीमत के साथ वापस लौटाएगा, दूसरा वो शख्स जो मस्जिद की तरफ चला अल्लाह सुबहानहु उसका ज़ामीन है या उसे वफात दे कर जन्नत मैं दाखिल करेगा या अजर और गनीमत के साथ वापस लौटाएगा तीसरा वो शख्स जो अपने घर मैं सलाम कर के दाखिल हुआ अल्लाह सुबहानहु उसका भी ज़ामीन है सुनन अबू दाऊद, जिल्द 2, 722-सही

मुसिबत ये परशानी में पधने की दुआ

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बिस्मिल्लाहिर रहमानिर्रहीम ------------------ रसूल-अल्लाह सल-अल्लाहू अलैही वसल्लम ने फरमाया जो  कोई मुसीबत या परेशानी में हो तो उसको ये दुआ पढ़नी चाहिए  اللَّهُمَّ رَحْمَتَكَ أَرْجُو فَلاَ تَكِلْنِي إِلَى نَفْسِي طَرْفَةَ عَيْنٍ وَأَصْلِحْ لِي شَأْنِي كُلَّهُ لاَ إِلَهَ إِلاَّ أَنْتَ एह अल्लाह मैं तेरी रहमत का उम्मीदवार हूँ , एक लम्हे के लिए भी मुझे मेरे नफ़स के हवाले ना कर और मेरे सब काम बना दे  तेरे सिवा कोई भी ईबादत के लायक नही सुनन अबू दाऊद, जिल्द 3, 1649-सही --------------

अस्तगफिरुल्लाह अल लज़ी ला इलाहा इल्ला हुवा अल हय्युल-कयूम वा अतुबू इलैही

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बिस्मिल्लाहिर रहमानिर्रहीम ---------------- أَسْتَغْفِرُ اللَّهَ الَّذِي لاَ إِلَهَ إِلاَّ هُوَ الْحَىُّ الْقَيُّومُ وَأَتُوبُ إِلَيْهِ  अस्तगफिरुल्लाह अल लज़ी ला इलाहा इल्ला हुवा अल हय्युल-कयूम वा अतुबू इलैही  ✦ अल क़ुरान : अपने रब से माफी माँगो की वो बड़ा माफ़ करने वाला है ✦ वो आसमान से तुम पर (रहमत की) बारिश बरसाएगा ✦ और माल से तुम्हारी मदद फरमाएगा  ✦ और औलाद से (तुम्हारी मदद फरमाएगा ) ✦ और तुम्हे बाग अता करेगा  ✦ और उनमें तुम्हारे लिए नहरें बहा देगा  अल क़ुरान , सुरह नूह  (71), आयत 10-12 ✦ रसूल-अल्लाह सल-अल्लाहू अलैही वसल्लम  ने फरमाया जो अस्तिग्फार (तौबा) करने को अपने ऊपर लाजिम कर ले तो अल्लाह सुबहानहु उसको हर तंगी से निकलने का एक रास्ता अता फरमाएगा और हर गम से निजत देगा और ऐसी जगह से रोज़ी अता फरमाएगा जहाँ से उसको गुमान भी नहीं होगा  सुनन अबू दाऊद  जिल्द 1, 1505 - हसन ---------

रसूल-अल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का अख़री कलाम नमाज़, नमाज़ (कि हिफ़ाज़त करना) था

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बिस्मिल्लाहिर रहमानिर्रहीम ------ ✦ रसूल-अल्लाह सलअल्लाहू अलैहि वसल्लम की आखरी बात (वफात के वक़्त) ये थी नमाज़ (की हिफ़ाज़त करना) , नमाज़ (की हिफ़ाज़त करना), और अपने गुलामों के बारे में अल्लाह सुबहानहु से डरते रहना  सुनन अबू दाऊद, जिल्द 3, 1713-सही -----

सर डार्ड में हिजामा और जोड़ी में डार में मेहंदी फेमदेमंद है

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बिस्मिल्लाहिर रहमानिर्रहीम ---- ✦ सलमा रदी अल्लाहू अन्हा से रिवायत है की जो शख्स भी अपने सिर दर्द की शिकायत ले कर रसूल-अल्लाह सलअल्लाहू अलैही वसल्लम के पास आता तो आप सलअल्लाहू अलैही वसल्लम उसे हिजामा का हुक्म देते और जो शख्स अपने पैरों में दर्द  की शिकायत ले कर आता तो आप सलअल्लाहू अलैही वसल्लम उसे फरमाते उनमें हीना (मेहंदी) लगाओ सुनन अबू दाऊद, जिल्द 3, 460 हसन ----

ये ते सूरह तुम्हे हर चीज़ के लिय काफी हो जायेगी

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बिस्मिल्लाहिर रहमानिरहिम ---------------------- ✦ अब्दुल्लाह बिन खुबेब रदी अल्लाहू अन्हु से रिवायत है की रसूल-अल्लाह सल-अल्लाहू अलैही वसल्लम ने फरमाया सुबह और शाम 3 बार सुरह अल-इख्लास और सुरह अल-फलक़ और सुरह अन-नास पढ़  लिया करो , ये तुम्हें हर चीज़ के लिए  काफ़ी हो जाएगी ( यानि हर तरह की परेशानियो से बचने के लिए ये काफी हैं) सुनन अबू दाऊद, जिल्द 3, 1643-हसन ✦ उक़बा बिन आमिर रदी अल्लाहु अन्हु से रिवायत है की की रसूल-अल्लाह सल-अल्लाहू अलैही वसल्लम ने फरमाया हर नमाज़ के बाद आखरी तीन सुरह यानि सुरह अल-इख्लास और सुरह अल-फलक़ और सुरह अन-नास पढ़ा करो  अल सिलसिला अस-सहीहा , 2776 -------------

जब कोई इस नाम से उस (अल्लाह) से माँगता है तो वो देता है....

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बिस्मिल्लाहिर रहमानिरहिम ------------------- ★ हदीस : जब कोई इस नाम से उस (अल्लाह) से माँगता है तो वो देता है.... ------------------- ★ रसूल-अल्लाह सललाल्लाहू अलैही वसल्लम ने एक शख्स को ये दुआ करते हुए सुना  اللَّهُمَّ إِنِّي أَسْأَلُكَ أَنِّي أَشْهَدُ أَنَّكَ أَنْتَ اللَّهُ لاَ إِلَهَ إِلاَّ أَنْتَ الأَحَدُ الصَّمَدُ  الَّذِي لَمْ يَلِدْ وَلَمْ يُولَدْ وَلَمْ يَكُنْ لَهُ كُفُوًا أَحَدٌ अल्लहुम्मा इन्नी असअलूका अन्नी अशहदु अन्नका अन्तलल्लाहु ला इलाहा इल्ला अन्त  अल अहदुस-समद , अल-लज़ी लम यलिद वा लम युलद,  वा लम यकुल्लाहू कुफ़ुवन अहद  ★ तो आप सलअल्लाहू अलैही वसल्लम  ने फरमाया तूने अल्लाह को ऐसे नाम से पुकारा है की जब कोई इस नाम से उस (अल्लाह) से माँगता है तो (वो अल्लाह) देता है और जब इसके ज़रिए दुआ की जाती है तो क़ुबूल की जाती है  ★ तर्जुमा: या अल्लाह , मैं तुझसे माँगता हू, मैं गवाही देता हूँ  की तू ही अल्लाह है , तेरे सिवा कोई माबूद नही, अल-अहद (एक) है , स-समद (बेनीयाज़) है, (तू) वो है जिसकी कोई औलाद नही और (तू...

जब मस्जिद में दखिल होटे वक्त य पैधे से शैतान से दीन भारत के लय मेहफूज़ हो जायेगा

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=========================================================================== बिस्मिल्लाहिर रहमानिरहिम ------------- ✦ अम्र बिन आस रदी अल्लाहू अन्हु से रिवायत है की रसूल-अल्लाह सल-अल्लाहु अलैही वसल्लम जब मस्जिद में तशरीफ़ ले जाते तो फरमाते أَعُوذُ بِاللَّهِ الْعَظِيمِ وَبِوَجْهِهِ الْكَرِيمِ وَسُلْطَانِهِ الْقَدِيمِ مِنَ الشَّيْطَانِ الرَّجِيمِ मैं अल्लाह की अज़मत की और उसकी ज़ात ए करीम की और उसकी क़दीम  बादशाहत की शैतान मरदूद से पनाह चाहता हूँ  और जब मस्जिद में दाखिल होने वाला आदमी ये कहता है तो शैतान कहता है अब वो मेरी बुराई से दिन भर के लिए महफूज़ हो गया सुन्नान अबू दाऊद जिल्द 1, हदीस 463-सही --------------

अपनी औलाद के लिए बुडुआ ना करो खाही अल्लाह सुबानहु तुमुरी बदादु क्यूबुल ना कर ले

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* बिस्मिल्लाहिर रहमानिरहिम * ----- ✦ रसूल-अल्लाह सलअल्लाहू अलैहि वसल्लम  ने फरमाया तुम लोग ना अपने लिए बद्दुआ करो और ना ही अपनी औलाद के लिए ना अपने खादिमों के लिए ना ही अपने मालों के लिए , कहीं ऐसा ना हो के वो घड़ी ऐसी  हो जिस मैं दुआ क़ुबूल होती हो और अल्लाह सुबहानहु तुम्हारी बद्दुआ क़ुबूल कर ले  सुनन अबू दाउद , जिल्द सही  -----

बदन के आफ़ियायत (सलामती) की दुआ

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बिस्मिलाहिर रहमानिरहिम ----------- ✦ अब्दुल रहमान बिन अबू बक्र रदी अल्लाहू अन्हु से रिवायत है की उन्होने अपने वालिद से पूछा की अब्बू जान मैं आपको हर सुबह और शाम को तीन मर्तबा ये दुआ पढ़ते हुए सुनता हूँ  اللَّهُمَّ عَافِنِي فِي بَدَنِي اللَّهُمَّ عَافِنِي فِي سَمْعِي اللَّهُمَّ عَافِنِي فِي بَصَرِي لاَ إِلَهَ إِلاَّ أَنْتَ ✦ अल्लाहुम्मा आफिनी फ़ि बदानी, अल्लाहुम्मा आफिनी फ़ि समई, अल्लाहुम्मा आफिनी फ़ि बशारी, ला ईलाहा इल्ला अन्ता  ✦ या  अल्लाह तू मेरे बदन में आफियत अता फरमा , या अल्लाह तू मेरे कानों में  आफियत अता फरमा,  या अल्लाह तू मेरी निगाहों में  आफियत अता फरमा, तेरे सिवा कोई माबूद नही तो उन्होने कहा की मैने रसूल-अल्लाह सल-अल्लाहू अलैही वसल्लम को यही दुआ पढ़ते हुए सुना है और मुझे पसंद है की मैं उनकी सुन्नत पर अमल करता रहूँ  सुनन अबू दाऊद, जिल्द 3, 1649-हसन -----------------

अपने वाल्देन और तमम मोमेनो के लिये मगफिरत की कुरानी दुआ

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बिस्मिल्लाहिर रहमानिरहिम ------------------ ✦ एह हमारे रब मुझको और मेरे वालदेन को (माँ बाप को) और मोमीनों को हिसाब वाले दिन बख्श देना  सुरह इब्राहीम (14) , आयत 41 ✦ रसूल-अल्लाह सल-अल्लाहू अलैही वसल्लम ने फरमाया रब अपने बन्दों से खुश होता है जब वो (बंदा) कहता है की मेरे गुनाहों को बख़्श दे ,क्यूंकि वो जानता है की उसके सिवा गुनाहों को कोई भी माफ़ नही कर सकता सुनन अबू दाऊद, जिल्द 2, 830-सही -----------------

اندرا مجاہد میین جیل والون کو مجرم نور کی خورشخری ہائی

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------------- حضرت بریدہ رضی اللہ تعالیٰ عنہ سے روایت ہے کہ رسول اللہ صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم نے فرمایا  اندھیرے میں مسجد میں جانے والوں کو خوشخبری دے دو  کہ قیامت کے دن ان کے لئے مکمل نور ہوگا۔ سنن ابو داوود  ، جلد ١ ، ٥٥٩-صحیح  تشریح : اس حدیث میں اندھیرے سے مراد عشاء اور فجر کے وقت کا اندھیرا ہے یعنی ان دونوں نمازوں کو پابندی سے جماعت کے ساتھ پڑھنے والوں کو  قیامت کے دن  نور عطا کیا  جاےگا  -------------

अंधेरे में मस्जिद मेरा जैन वालोन को मुकम्मल नूर की खुश्खाबरी है

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------------- ✦ बुरेदा रदी अल्लाहू अन्हु से रिवायत है की  रसूल-अल्लाह सल-अल्लाहू अलैही वसल्लम  ने फरमाया अंधेरे में मस्जिद में जाने वालों को खुशख़बरी दे दो की उनके लिए क़यामत के दिन मुकम्मल नूर होगा सुनन अबू दाऊद, जिल्द 1, 559-सही ✦ तशरिह  : उलमाओं  का कहना है की इस हदीस  में अंधेरे से मुराद ईशा और फजर के वक़्त का अंधेरा है , यानी इन दोनो नमाज़ों  को पाबंदी से जमात के साथ पढ़ने वालो के लिए ये खुशख़बरी है दलील अल-फ़ातीहीन (3/558-559)

अचानक दुःख या हानि से बचाने के लिए दुआ

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बिस्मिल्लाहिर रहमानिरहिम -------------------------------------- سَمِعْتُ عُثْمَانَ، - يَعْنِي ابْنَ عَفَّانَ - يَقُولُ سَمِعْتُ رَسُولَ اللَّهِ صلى الله عليه وسلم يَقُولُ ‏  مَنْ قَالَ بِسْمِ اللَّهِ الَّذِي لاَ يَضُرُّ مَعَ اسْمِهِ شَىْءٌ فِي الأَرْضِ وَلاَ فِي السَّمَاءِ وَهُوَ السَّمِيعُ الْعَلِيمُ ثَلاَثَ مَرَّاتٍ لَمْ تُصِبْهُ فَجْأَةُ بَلاَءٍ حَتَّى يُصْبِحَ وَمَنْ قَالَهَا حِينَ يُصْبِحُ ثَلاَثَ مَرَّاتٍ لَمْ تُصِبْهُ فَجْأَةُ بَلاَءٍ حَتَّى يُمْسِيَ ‏ .‏ قَالَ فَأَصَابَ أَبَانَ بْنَ عُثْمَانَ الْفَالِجُ فَجَعَلَ الرَّجُلُ الَّذِي سَمِعَ مِنْهُ الْحَدِيثَ يَنْظُرُ إِلَيْهِ فَقَالَ لَهُ مَا لَكَ تَنْظُرُ إِلَىَّ فَوَاللَّهِ مَا كَذَبْتُ عَلَى عُثْمَانَ وَلاَ كَذَبَ عُثْمَانُ عَلَى النَّبِيِّ صلى الله عليه وسلم وَلَكِنَّ الْيَوْمَ الَّذِي أَصَابَنِي فِيهِ مَا أَصَابَنِي غَضِبْتُ فَنَسِيتُ أَنْ أَقُولَهَ سنن ابو داوود   ٥٠٨٨ صحیح ---------------- ✦ बिस्मिल्लहिल्लज़ी ला यदुर्रू मा-असमीही शयउन फील-अर्दी वा ला फिस-समाई , वा हुवा अस स...

दोषों को छिपाने या छुपाने के लिए दुआ

----------------- ✦ रसूल-अल्लाह सलअल्लाहू अलैही वसल्लम ने सुबह और शाम को इस दुआ को पढ़ना कभी नही छोड़ा  اللَّهُمَّ اسْتُرْ عَوْرَتِي ‏‏ وَآمِنْ رَوْعَاتِي अल्लाहुम्मास्तुर औराती, वा आमीन रौआती **** ✦ एह अल्लाह मेरे ऐबों को छुपा दे और  मेरे दिल को मुतमईन कर दे  सुनन अबू दाऊद,जिल्द 3, 1637-सही ------------- recalls vehicle recalls automobile hydraulics car amplifier old car car problems power supplies dc power supply cheap rugs ac power supply adapters12v to 120v ac adapters 300w power supply ac adaptors  power adapter 12v power supply 12v portable power station 12v cigarette plug dc power converters ac to dc adapter 12v portable tv 590/mo switch mode power supply 12v tv 40,500/mo dc power adapters 12vdc power supply Adform Parent MediaScience Quantcast luxury brand marketing sauna  Advertising Alliance ScaleOut trade marketing ad tracking clipping services market trading software marketing databases co op marketing track ...

अस्तगफिरुल्ला कहने का गुण (क्षमा मांगना)

✦ रसूल-अल्लाह सल-अल्लाहू अलैही वसल्लम ने फरमाया जिसने  ये कलिमत कहे तो उसके गुनाह माफ़ कर दिए जायेंगे चाहे वो मैदान ए जंग से भाग गया हो  أستغفر الله الذي لا إله إلا هو الحي القيوم وأتوب إليه अस्तगफिरुल्लाहल्लज़ी ला इलाहा इल्ला हुवा अल हय्युल-कय्यूम वा अतुबू इलैही  तर्जुमा : मैं अल्लाह से अपने गुनाहों की माफ़ी मांगता हूँ जिसके सिवा कोई इबादत के लायक नहीं जो जिंदा और हमेशा रहने वाला है और मैं उसी की तरफ तौबा करता हूँ  सुनन अबू दाऊद , जिल्द 1, 1504 -सही  ---------- ✦ रसूल-अल्लाह सल-अल्लाहू अलैही वसल्लम ने फरमाया जो अस्तिग्फार (तौबा) करने को अपने ऊपर लाजिम कर ले तो अल्लाह सुबहानहु उसको हर तंगी से निकलने का एक रास्ता अता फरमाएगा और हर गम से निजात देगा और ऐसी जगह से रोज़ी अता फरमाएगा जहाँ से उसको गुमान भी नहीं होगा  मुअज्जम अल कबीर तबरानी , सही  ---------- ✦ रसूल-अल्लाह सल-अल्लाहू अलैही वसल्लम ने फरमाया एह लोगो अल्लाह सुबहानहु से तौबा करो, मैं दिन में 100 मर्तबा अल्लाह सुबहानहु से तौबा करता हूँ  सही मुस्लिम, जिल्द 6,68 --------...

सुरह अल-फलक़ और सुरह अन-नास

✦ आईशा रदी अल्लाहू अन्हा से रिवायत है की जब रसूल-अल्लाह सललल्लाहू अलैही वसल्लम बिस्तेर पर लेट ते तो  सुरह अल-फलक़ और सुरह अन-नास पढ़ कर अपने हाथों पर फूँकते और दोनो हाथ अपने जिस्म पर फेरते. सही बुखारी, जिल्द 7, 6319 ✦ आईशा रदी अल्लाहू अन्हा से रिवायत है की जब रसूल-अल्लाह सललल्लाहू अलैही वसल्लम जब बीमार हो जाते तो सुरह अल-फलक़ और सुरह अन-नास की सूरतें पढ़कर उसको अपने उपर दम करते फिर जब आप सल-अल्लाहू अलैही वसल्लम की तकलीफ़ बढ़ गयी तो मैं उन सुरतो को पढ़कर आप सल-अल्लाहू अलैही वसल्लम के हाथों से बरकत की उम्मीद में आपके जिस्म मुबारक पर फेरती थी सही बुखारी, जिल्द 7, 5016 ✦ अब्दुल्लाह बिन खुबेब रदी अल्लाहू अन्हु से रिवायत है की रसूल-अल्लाह सल-अल्लाहू अलैही वसल्लम ने फरमाया सुबह और शाम 3 बार क़ुल हुवल्लाहू अहद (सुरह इख्लास) और मूआवज़तैन (सुरह अल-फलक़ और सुरह अन-नास) पढ़  लिया करो , ये तुम्हें (हर तरह की परेशानियो से बचाओ के लिए) काफ़ी हो जाएगी सुनन अबू दाऊद, जिल्द 3, 1643-हसन

रसूल-अल्लाह सलअल्लाहू अलैही वसल्लम ने फ़रमाया

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✦ रसूल-अल्लाह सलअल्लाहू अलैही वसल्लम ने फ़रमाया क़यामत के दिन सबसे ज़ियादा मेरी शफात उसको नसीब होगी जो सच्चे दिल से ला इलाहा इलअल्लाह कहे सही बुखारी , जिल्द 1, 99  ✦ रसूल-अल्लाह सलअल्लाहू अलैही वसल्लम ने फ़रमाया अगर कोई बाँदा क़यामत के दिन इस हालत में पेश हो की उसने ला इलाहा इलअल्लाह का इकरार किया हो और उस से उसका मक़सद अल्लाह सुबहानहु की खुशनूदी हासिल करना हो तो अल्लाह सुबहानहु दोज़ख की आग को उस पर हराम कर देगा  सही बुखारी , जिल्द 1, 6423 ✦ रसूल-अल्लाह सलअल्लाहू अलैही वसल्लम ने फ़रमाया जिसका आखरी कलमा ला इलाहा इलअल्लाह होगा वो जन्नत में दाखिल होगा  सुनन अबू दावुद , जिल्द 2, 1339-सही ------------------------

सफवान बिन उमय्या रदी अल्लाहू अन्हु से रिवायत है

✦ सफवान बिन उमय्या रदी अल्लाहू अन्हु से रिवायत है की ताऊन से मरने वाला , पेट के मर्ज़ से मरने वाला , पानी में डूब कर मरने वाला , और बच्चे की विलादत के वक़्त मरने वाली औरत ये सभी शहीद हैं इस हदीस के रावी ने कहा की ये हदीस अबू उसमान रदी अल्लाहू अन्हु ने काई बार रिवायत की है और एक बार ये भी कहा की ये रसूल-अल्लाह सललाल्लाहू अलैही वसल्लम का इरशाद है  सुनन नसाई, जिल्द 1, 2056-सही ✦ रसूल-अल्लाह सलअल्लाहू अलैही वसल्लम ने फरमाया शहीद की शफ़ाअत उसके घरवालों के 70 लोगों के हक़ में क़ुबूल की जाएगी सुनन अबू दाऊद, जिल्द 2, 750 -सही