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मा बाप के लिय कुरानी दुआ

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बिस्मिल्लाहिर रहमानिरहिम ------------------- ✦ और तुम्हारे रब ने फ़रमाया है की उसके सिवा किसी की ईबादत ना करो और अपने माँ बाप के साथ भलाई करते रहो और अगर तुम्हारे सामने उनमें से एक या दोनों बुढ़ापे को पहुँच जाये तो उन्हे उफ़ भी न कहो और ना उन्हें झिड़को और उनसे अदब से बात करो  और उनके सामने शफ़कत से आजज़ी के साथ झुके रहो और कहो की एह मेरे रब जैसे उन्होंने मुझे बचपन से पाला है इसी तरह तू भी उन पर रहम फरमा   अल कुरान, सुरह अल-ईसरा , आयत 23-24 --------------------------

अल कुरान, सुरह अल-ईसरा , आयत 23-24

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सीरत उन नबी सलअल्लाहू अलैही वसल्लम ✦ 2. अल-ईसरा वा अल-मैराज

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✦ 20 - सीरत उन नबी सलअल्लाहू अलैही वसल्लम  ✦ 2. अल-ईसरा वा अल-मैराज  …..और दरवाज़ा खोल दिया गया जब मैं अंदर गया तो मैने वहां आदम अलैही सलाम को देखा जिब्रिल अलैही सलाम ने फरमाया ये आपके जद्द अमजद आदम अलैही सलाम हैं उन्ह सलाम कीजिए मैने उनको सलाम किया और उन्होने जवाब दिया और फरमाया खुश आमदीद नेक बेटे और नेक नबी , जिब्रिल अलैही सलाम फिर उपर की तरफ चढ़े और दूसरे आसमान पर आए और वहां भी दरवाज़ा खुलवाया  गया और पूछा गया कौन साहब है ? उन्होने बताया की जिब्रिल अलैही सलाम, पूछा गया और आपके साथ कौन है? आपने फरमाया की हज़रत मुहम्मद सल-अल्लाहु अलैही वसल्लम , पूछा गया , क्या उन्हे बुलाने की लिए आपको भेजा गया था? उन्होने जवाब दिया हाँ .. इस पर आवाज़ आई उन्हें खुश आमदीद ! क्या ही मुबारक आने वाले हैं वो फिर दरवाज़ा खुला और मैं अंदर गया तो वहां याहया और ईसा अलैही सलाम मौजूद थे ये दोनो खाला ज़ाद भाई हैं, जिब्रिल अलैही सलाम ने फरमाया ये ईसा और ये याहया अलैही सलाम हैं इन्हें सलाम कीजिए मैंने सलाम किया और उन हज़रात ने मेरे सलाम का जवाब दिया और फरमाया खुश आमदीद नेक नबी और नेक भाई  ...

सीरत उन नबी सलअल्लाहू अलैही वसल्लम ✦ 3. अल-ईसरा वा अल-मैराज

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Bismillahirrahmanirrahim ✦ 21 - सीरत उन नबी सलअल्लाहू अलैही वसल्लम  ✦ 3. अल-ईसरा वा अल-मैराज  ----------- ✦अब दरवाज़ा खुला जब मैं वहां इदरिस अलैही सलाम की क़रीब पहुँचा तो जिब्रिल अलैही सलाम ने फरमाया ये इदरिस अलैही सलाम है इन्हें सलाम कीजिए मैने उन्हें सलाम किया और उन्होने जवाब दिया और फरमाया खुश आमदीद पाक भाई और नेक नबी. ✦ फिर मुझे ले कर पाँचवे (5) आसमान पर आए और दरवाज़ा खुलवाया गया और पूछा गया कौन साहब है ? उन्होने बताया की जिब्रिल अलैही सलाम, पूछा गया और आपके साथ कौन है? आपने फरमाया की हज़रत मुहम्मद सल अल्लाहु अलैही वसल्लम , पूछा गया , क्या उन्हे बुलाने की लिए आपको भेजा गया था? उन्होने जवाब दिया हाँ .. इस पर आवाज़ आई उन्हें खुश आमदीद ! क्या ही मुबारक आने वाले हैं वो. यहाँ जब मैं हारून अलैही सलाम के क़रीब पहुँचा तो जिब्रील अलैही सलाम ने फरमाया ये हारून अलैही सलाम है इन्हें सलाम कीजिए मैने उन्हें सलाम किया उन्होने जवाब के बाद फरमाया खुश आमदीद नेक नबी और नेक भाई ✦ यहाँ से लेकर मुझे आगे बढ़े और छटे (6) आसमान पर पहुंचे और दरवाज़ा खुलवाया गया और पूछा गया कौ...

सीरत उन नबी सलअल्लाहू अलैही वसल्लम ✦ 1. अल-ईसरा वा अल-मैराज

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✦ 19 - सीरत उन नबी सलअल्लाहू अलैही वसल्लम  ✦ 1. अल-ईसरा वा अल-मैराज  -------------- ✦ अब्बास बिन मलिक रदी अल्लाहू अन्हु से रिवायत है की मलिक रदी अल्लाहू अन्हु ने कहा की रसूल-अल्लाह सलअल्लाहू अलैही वसल्लम ने उनसे शब ए मैराज का वाक़िया बयान किया. आप सलअल्लाहू अलैही वसल्लम ने फरमाया की मैं हतिम मे लेटा हुआ था.  बाज़ दफ़ा क़तादा ने हतिम की बजाए हज़र बयान किया की मेरे पास एक साहब ( जिबरील अलैही सलाम  ) आए और मेरा सीना चाक किया , मैने हज़रत अनस से सुना , उन्होने बयान किया की आप सलअल्लाहू अलैही वसल्लम के मुबारक सिने को ऊपर से नाफ़ तक चाक किया , फिर आप सलअल्लाहू अलैही वसल्लम ने फ़रमाया मेरा दिल निकाला और एक सोने का तश्त लाया गया जो ईमान से भरा हुआ था ,उस से मेरा दिल धोया गया और पहले की तरह रख दिया गया.  ✦ उसके बाद एक जानवर लाया गया , जो घोड़े से छोटा और गधे से बड़ा था और सफेद, हज़रत अनस रदी अल्लाहू अन्हु से पूछा अबू हमज़ा ! क्या वो बुर्राक़ था ? आपने फरमाया हाँ . उसका हर क़दम उसकी नज़र की इन्तेहा तक पढ़ता था , फिर आप सलअल्लाहू अलैही वसल्लम ने फरमाया की मुझ...

सीरत उन नबी सलअल्लाहू अलैही वसल्लम ✦ 4. अल-ईसरा वा अल-मैराज

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Bismillahirrahmanirrahim ✦ 22 - सीरत उन नबी सलअल्लाहू अलैही वसल्लम  ✦ 4. अल-ईसरा वा अल-मैराज  ----------- ✦ …फिर जिब्रिल अलैही सलाम मुझे ले कर सातवें आसमान (7) की तरफ गये, और दरवाज़ा खुलवाया गया और पूछा गया कौन साहब है ? उन्होने बताया की जिब्रिल अलैही सलाम, पूछा गया और आपके साथ कौन है? आपने फरमाया की हज़रत मुहम्मद सल अल्लाहु अलैही वसल्लम , पूछा गया , क्या उन्हे बुलाने की लिए आपको भेजा गया था? उन्होने जवाब दिया हाँ .. इस पर आवाज़ आई उन्हें खुश आमदीद ! क्या ही मुबारक आने वाले हैं वो, मैं जब अंदर गया तो इब्राहिम अलैही सलाम तशरीफ़ रखते थे. जिब्रिल अलैही सलाम ने फरमाया ये आपके जद्दे अमजद हैं इन्हें सलाम कीजिए , आप सल-अल्लाहू अलैही वसल्लम ने फरमाया की मैने उनको सलाम किया तो उन्होने जवाब दिया और फरमाया खुशआमदीद नेक नबी और नेक बेटे. ✦ फिर सिदरातुल मुन्तहा को मेरे सामने कर दिया गया मैने देखा की उसके फल मुक़ाम ए हज़र की मटकों की तरह (बड़े बड़े) थे और उसके पत्ते हाथियों क कान की तरह थे. जिब्रिल अलैही सलाम ने फरमाया ये सिदरातुल मुन्तहा है.  वहाँ मैने चार नहरें देख...

23 - सीरत उन नबी सलअल्लाहू अलैही वसल्लम

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✦ 23 - सीरत उन नबी सलअल्लाहू अलैही वसल्लम  ✦ 5. अल-ईसरा वा अल-मैराज  ----------- ✦ (मूसा अलैही सलाम ने कहा) आप अपने रब के हुज़ूर दोबारा जाइए और अपनी उम्मत पर तखफिफ़ (कम करने) के लिए अर्ज़ कीजिए. चुनांचे मैं अल्लाह के दरबार मे दुबारा हाज़िर हुआ , और तखफिफ़ के लिए अर्ज़ की तो दस (10) वक़्त की नमाजें कम कर दी गयी. फिर मैं जब वापस मूसा अलैही सलाम के पास से गुज़रा तो उन्होने फिर वही सवाल किया, मैं दोब ारा अल्लाह सुबहानहु की बारगाह में हाज़िर हुआ और इस मर्तबा भी दस (10) वक़्त की नमाजें कम हुई. फिर मैं मूसा अलैही सलाम के पास से गुज़रा तो उन्होने वही मुतालबा किया , मैने इस मर्तबा भी अल्लाह सुबहानहु की बारगाह मे हाज़िर हो कर फिर से दस (10) नमाज़ें कम करवाई. मूसा अलैही सलाम के पास से फिर गुज़र हुआ उन्होने अपनी राय का इज़हार किया, फिर अल्लाह सुबहानहु की बारगाह में मैं हाज़िर हुआ तो मुझे दस (10) वक़्त की नमाज़ों का हुक्म हुआ, मैं वापस होने लगा तो आपने फिर वही कहा. अब अल्लाह सुबहानहु की बारगाह मे हाज़िर हुआ तो रोज़ाना सिर्फ़ पाँच (5) वक़्त की नमाज़ों का हुक्म बाक़ी रहा.  ✦...