बिस्मिल्लाहिर रहमानिर्रहीम
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✦ अब्दुल रहमान रदी अल्लाहू अन्हु अपने वालिद से रिवायत करते हैं की रसूल-अल्लाह सल-अल्लाहू अलैही वसल्लम हमको सिखाया करते थे की जब सुबह हो तो ये कहा करो
أَصْبَحْنَا عَلَى فِطْرَةِ الْإِسْلَامِ وَعَلَى كَلِمَةِ الْإِخْلَاصِ وَعَلَى دِينِ نَبِيِّنَا مُحَمَّدٍ صَلَّى اللَّهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَ وَعَلَى مِلَّةِ أَبِينَا إِبْرَاهِيمَ حَنِيفًا مُسْلِمًا وَمَا كَانَ مِنْ الْمُشْرِكِينَ
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✦ असबहना आला फ़ितरतिल इस्लाम , वा आला कालिमतिल इख्लास वा आला दीनी नबीयीना मुहम्मदीन सल-अल्लाहू अलैही वसल्लम
वा आला मिल्लती अबीयीना इब्राहिमा हनीफन मुस्लीमन वामा काना मीनल मुशरीकिन
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✦ हमने फ़ितरत ए इस्लाम पर और कलमा ए इख्लास पर, और अपने नबी मुहम्मद सल-अल्लाहू अलैही वसल्लम के दीन पर और अपने वालिद इब्राहिम अलैही सलाम जो मुसलमान थे और मुशरिकों में से ना थे की मिल्लत पर सुबह की
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तबरानी - 293-सही
मसनद अहमद 14938-सही
आस-सिलसिला सहिहा , 2905
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