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सुनन अबू दाऊद, जिल्द 1, 1550-हसन 1552-सही

✦ अमर बिन अल-'आस रदी अल्लाहू अन्हु से रिवायत है की एक औरत रसूल-अल्लाह सल-अल्लाहू अलैही वसल्लम के पास आई उसकी बेटी भी उसके साथ थी और उसकी बेटी के हाथ में सोने के दो बड़े बड़े कंगन थे आप सल-अल्लाहू अलैही वसल्लम ने पूछा क्या आप इन कंगनो की ज़कात देते हो ? उसने कहा नही , आप सल-अल्लाहू अलैही वसल्लम ने फरमाया क्या आपको ये पसंद है की क़यामत के दिन अल्लाह आपको आग के कंगन पहनाए ये सुनकर उसने उसी वक़्त कंगन उतार दिए और आपकी खिदमत में पेश करते हुए कहा की ये अल्लाह और उसके रसूल-अल्लाह सल-अल्लाहू अलैही वसल्लम के लिए है
सुनन अबू दाऊद, जिल्द 1, 1550-हसन
✦ अब्दुल्लाह बिन शद्दाद रदी अल्लाहू अन्हु से रिवायत है की हम लोग आईशा रदी अल्लाहू अन्हा से पास गये वो कहने लगी मेरे पास रसूल-अल्लाह सल-अल्लाहू अलैही वसल्लम आए आपने मेरे हाथ में चाँदी की अंगूठियाँ देखी और फरमाया , आईशा ये क्या है ? मैने अर्ज़ किया
की ये मैने इसलिए बनवाई है की आपके लिए बनाव सिंगार करूँ , आप सल-अल्लाहू अलैही वसल्लम ने पूछा , क्या आप इनकी ज़कात अदा करते हो मैने कहा नही , या जो अल्लाह को मंज़ूर था वो कहा , फिर आप सल-अल्लाहू अलैही वसल्लम ने फरमाया ये आपको जहन्नम में ले जाने के लिए काफ़ी है (अगर तुम ज़कात नही दोगे तो)
सुनन अबू दाऊद, जिल्द 1, 1552-सही

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