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23 - सीरत उन नबी सलअल्लाहू अलैही वसल्लम


✦ 23 - सीरत उन नबी सलअल्लाहू अलैही वसल्लम 
✦ 5. अल-ईसरा वा अल-मैराज 
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✦ (मूसा अलैही सलाम ने कहा) आप अपने रब के हुज़ूर दोबारा जाइए और अपनी उम्मत पर तखफिफ़ (कम करने) के लिए अर्ज़ कीजिए. चुनांचे मैं अल्लाह के दरबार मे दुबारा हाज़िर हुआ , और तखफिफ़ के लिए अर्ज़ की तो दस (10) वक़्त की नमाजें कम कर दी गयी. फिर मैं जब वापस मूसा अलैही सलाम के पास से गुज़रा तो उन्होने फिर वही सवाल किया, मैं दोबारा अल्लाह सुबहानहु की बारगाह में हाज़िर हुआ और इस मर्तबा भी दस (10) वक़्त की नमाजें कम हुई. फिर मैं मूसा अलैही सलाम के पास से गुज़रा तो उन्होने वही मुतालबा किया , मैने इस मर्तबा भी अल्लाह सुबहानहु की बारगाह मे हाज़िर हो कर फिर से दस (10) नमाज़ें कम करवाई. मूसा अलैही सलाम के पास से फिर गुज़र हुआ उन्होने अपनी राय का इज़हार किया, फिर अल्लाह सुबहानहु की बारगाह में मैं हाज़िर हुआ तो मुझे दस (10) वक़्त की नमाज़ों का हुक्म हुआ, मैं वापस होने लगा तो आपने फिर वही कहा. अब अल्लाह सुबहानहु की बारगाह मे हाज़िर हुआ तो रोज़ाना सिर्फ़ पाँच (5) वक़्त की नमाज़ों का हुक्म बाक़ी रहा. 

✦ मूसा अलैही सलाम के पास आया तो आपने दरयाफत फरमाया अब क्या हुक्म हुआ ? मैने हज़रत मूसा अलैही सलाम को बताया की रोज़ाना पाँच वक़्त की नमाज़ों का हुक्म हुआ है फरमाया की आपकी उम्मत इसकी भी ताक़त नही रखेगी मेरा वास्ता आपसे पहले लोगों से पढ़ चुका है और बनी इसराईल का मुझे तल्ख़ तजुर्बा है, अपने रब के दरबार मे फिर से हाज़िर हो कर तखफिफ़ के लिए अर्ज़ कीजिए. आप सल-अल्लाहू अलैही वसल्लम ने फरमाया मैं अल्लाह सुबहानहु से बहुत सवाल कर चुका और अब मुझे शर्म आती है अब मैं बस इस पर राज़ी हूँ आप सल-अल्लाहू अलैही वसल्लम ने फरमाया के फिर जब मैं वहां से गुज़रने लगा तो आवाज़ आई मैने अपना फरिज़ा जारी कर दिया और अपने बन्दों पर तखफिफ़ कर चुका
सही बुखारी, जिल्द 5, 3887

✦ अनस बिन मलिक रदी-अल्लाहू-अन्हु से रिवायत है की रसूल-अल्लाह सलअल्लाहु-अलैही-वसल्लम पर शब-ए-मैराज में पचास (50) नमाजें फ़र्ज़ की गयी फिर कमी की गयी यहाँ तक की पाँच (5) रह गयी फिर आवाज़ दी गयी की ,ओह मुहम्मद सलअल्लाहु-अलैही-वसल्लम हमारे क़ौल में तब्दीली नही आती , इन पाँच नमाज़ों के बदले पचास का सवाब मिलेगा 
जामिया तिरमिज़ी , जिल्द 1, 203-सही


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