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सीरत उन नबी सलअल्लाहू अलैही वसल्लम ✦ 4. अल-ईसरा वा अल-मैराज

Bismillahirrahmanirrahim

✦ 22 - सीरत उन नबी सलअल्लाहू अलैही वसल्लम 
✦ 4. अल-ईसरा वा अल-मैराज 
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✦ …फिर जिब्रिल अलैही सलाम मुझे ले कर सातवें आसमान (7) की तरफ गये, और दरवाज़ा खुलवाया गया और पूछा गया कौन साहब है ? उन्होने बताया की जिब्रिल अलैही सलाम, पूछा गया और आपके साथ कौन है? आपने फरमाया की हज़रत मुहम्मद सल अल्लाहु अलैही वसल्लम , पूछा गया , क्या उन्हे बुलाने की लिए आपको भेजा गया था? उन्होने जवाब दिया हाँ .. इस पर आवाज़ आई उन्हें खुश आमदीद ! क्या ही मुबारक आने वाले हैं वो, मैं जब अंदर गया तो इब्राहिम अलैही सलाम तशरीफ़ रखते थे. जिब्रिल अलैही सलाम ने फरमाया ये आपके जद्दे अमजद हैं इन्हें सलाम कीजिए , आप सल-अल्लाहू अलैही वसल्लम ने फरमाया की मैने उनको सलाम किया तो उन्होने जवाब दिया और फरमाया खुशआमदीद नेक नबी और नेक बेटे.

✦ फिर सिदरातुल मुन्तहा को मेरे सामने कर दिया गया मैने देखा की उसके फल मुक़ाम ए हज़र की मटकों की तरह (बड़े बड़े) थे और उसके पत्ते हाथियों क कान की तरह थे. जिब्रिल अलैही सलाम ने फरमाया ये सिदरातुल मुन्तहा है. 
वहाँ मैने चार नहरें देखीं दो बातिनी और दो ज़हिरी. मैने पूछा एह जिब्रिल अलैही सलाम क्या हैं? उन्होने बताया जो दो बातिनी नहरें है वो जन्नत से ताल्लुक़ रखती हैं और दो ज़हिरी नहरें नील और फुरात हैं. 

✦ फिर मेरे सामने बैतूल-मामूर को लाया गया वहां मेरे सामने एक गिलास मे शराब , एक मे दूध और एक मे शहद लाया गया. मैने दूध का गिलास ले लिया तो जिब्रिल अलैही सलाम ने फरमाया , ये ही फ़ितरत है और आप इस पर क़ायम है और आप की उम्मत भी ,फिर मुझ पर रोज़ाना पचास (50) नमाजें फ़र्ज़ की गयी मैं वापस हुआ और मूसा अलैह सलाम के पास से गुज़रा तो उन्होने पूछा किस चीज़ का आपको हुक्म हुआ ? मैने कहा की रोज़ाना पचास नमाज़ों का , 
मूसा अलैही सलाम ने फरमाया लेकिन आपकी उम्मत मे इतनी ताक़त नही है इससे पहले मेरा वास्ता लोगों से पढ़ चुका है और बनी इसराईल का मुझे तल्ख़ तजुर्बा है, इसलिए आप अपने रब के हुज़ूर दोबारा जाइए 
सही बुखारी, जिल्द 5, 3887


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