✦ अब्दुल रहमान बिन अब्दुल क़ारी रदी अल्लाहू अन्हु से रिवायत है की मैं उमर बिन ख़त्ताब रदी अल्लाहू अन्हु के साथ रमजान की एक रात मस्जिद को गया सब लोग मुतफर्रिक़ और मुन्ताशिर थे , कोई अकेला नमाज़ पढ़ रहा था और कुछ किसी के पीछे खड़े हुए थे इस पर उमर रदी अल्लाहू अन्हु ने फरमाया की मेरा ख़याल है अगर में तमाम लोगो को एक क़ारी के पीछे जमा कर दू तो ज़्यादा अच्छा होगा , आपने ये सोच कर अबी बिन काब रदी अल्लाहू अन्हु को उनका इमाम बना दिया फिर में एक रात जब मैं इनके साथ फिर से निकला तो देखा की लोग अपने इमाम के पीछे नमाज़ ( तरवीह) पढ़ रहे थे , हज़रत उमर रदी अल्लाहू अन्हु ने फरमाया ये नया तरीका बेहतर और मुनासिब है और वो हिस्सा जिसमें ये लोग सो जाते हैं वो उस से बेहतर और अफ़ज़ल है जिसमे ये नमाज़ पढ़ते हैं
सही बुखारी, जिल्द 3, 2010
✦ रसूल-अल्लाह सल-अल्लाहू अलैही वसल्लम ने फ़रमाया तुम पर मेरा तरीक़ा और मेरे हिदायत याफ़्ता खुलफा का तरीक़ा लाज़िम है इसको दाँतों से मज़बूत पकड़ लेना
सुनन इब्न माजा , जिल्द 1 , 43
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