✦ अल क़ुरान : उसी (अल्लाह) की तरफ रूजू किए रहो और उस से डरते रहो और मुशरिकों में से ना होना , (और ना ) उन लोगो में जिन्होने अपने दीन को टुकड़े टुकड़े कर दिया और (खुद) फिरक़े फिरक़े हो गये , हर फिरक़ा उसी से खुश है जो उनके पास है
सुराह अर-रूम (30), 31-32
✦ अल क़ुरान : जिन्होने अपने दीन को टुकड़े टुकड़े कर दिया और काई जमातें बन गये तुम्हारा उनसे कोई ताल्लुक़ नही उसका काम अल्लाह ही के हवाले है फिर वो ही उन्हे बतलाएगा जो कुछ वो करते थे
सुराह अल अनाम (6) , 159
✦ अल क़ुरान : सब मिलकर अल्लाह की (हिदायत की) रस्सी को मज़बूती से थाम लो, और आपस में फिरक़ों में ना बंटो और अल्लाह की उस मेहरबानी को याद करो जब तुम एक दूसरे के दुश्मन थे तो उसने तुम्हारे दिलों में उलफत डाल दी और तुम उसकी मेहरबानी से भाई भाई हो गये और तुम आग के घड़े के किनारे तक पहुँच चुके थे तो अल्लाह सुबहानहु ने तुमको उस से बचा लिया और इस तरह अल्लाह अपनी आयतें खोल खोल कर सुनता है ताकि तुम हिदायत हासिल करो
सुराह आल-ए-इमरान (3), आयत 103
✦ या अल्लाह , तू मुझे इस्लाम पर मौत दे और मुझे नेक लोगों में शामिल कर.
सुराह युसुफ (12) , आयत 101
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