✦ अब्दुल्लाह बिन अब्बास रदी अल्लाहू अन्हु ने कहा की एक दिन जिब्रिल अलैही सलाम नबी सल-अल्लाहू अलैही वसल्लम के पास बैठे हुए थे की एक बड़े ज़ोर की आवाज़ दरवाज़ा खुलने की सुनी और अपना सिर उठाया , तो जिब्रिल अलैही सलाम ने कहा की ये एक दरवाज़ा है आसमान का जो आज खुला है और उस से पहले कभी नही खुला फिर उस से एक फरिश्ता उतरा जिब्रिल अलैही सलाम ने कहा की ये फरिश्ता जो ज़मीन पर उतरा है वो आज से पहले कभी नही उतरा और फिर उसने कहा की खुशख़बरी हो आपको दो नूरों की जो आपको ईनायत हुए हैं और ये आपके सिवा किसी और नबी को नही मिले एक सुराह फातिहा है और दूसरी सुरह बक़रा की आखरी आयतें , और जो भी हरफ़ तुम उसमें से पढ़ोगे तो उसकी माँगी हुई चीज़ तुम्हे ज़रूर मिलेगी
सही मुस्लिम, जिल्द 2, 1877
✦ अब्दुल्लाह इब्न मसूद रदी अल्लाहू अन्हु से रिवायत है की रसूल अल्लाह सल-अल्लाहू अलैही वसल्लम ने फरमाया जिसने सुरह अल-बक़रा की दो आखरी आयतें रात में पढ़ ली वो उसके लिए काफ़ी हो जाएगी (आफ़त से बचने के लिए)
सही बुखारी, जिल्द 6, 5009
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