Featured Post

अल क़ुरान : एह ईमान वालों मेरे दुश्मनों और अपने दुश्मनों को दोस्त ना बनाओ

✦ अल क़ुरान : एह ईमान वालों मेरे दुश्मनों और अपने दुश्मनों को दोस्त ना बनाओ , के (तुम तो) उनके पास दोस्ती के पैगाम भेजते हो , हालाँकि तुम्हारे पास जो सच्चा दीन आया उसके ये मुनकीर हैं . 
अल क़ुरान, सुरह अल-मुमतहना (60), आयत 1 

✦ हदीस : अबू सईद खुदरी रदी अल्लाहू अन्हु से रिवायत है की रसूलअल्लाह सलअल्लाहू अलैही वसल्लम ने फरमाया तुम अपने पहले की उम्मतों की एक एक बालिश्त और एक एक गज़ में इत्तेबा (पैरवी) करोगे यहाँ तक की वो किसी गो (Lizard) की सुराख में दाखिल हुए होंगे तो तुम भी उनकी इत्तेबा करोगे हमने पूछा या रसूलअल्लाह सलअल्लाहू अलैही वसल्लम क्या इस से यहूद और नसारा मुराद है तो आप सलअल्लाहू अलैही वसल्लम ने फरमाया फिर और कौन. (हाँ यही मुराद है) 
सही बुखारी, जिल्द 8, 7320 

✦ अबू हुरैरा रदी अल्लाहू अन्हु से रिवायत है की रसूल-अल्लाह सलअल्लाहू अलैही वसल्लम ने फरमाया आदमी अपने दोस्त के दीन पर चलता है इसलिए तुम देख लिया करो की किसको दोस्त बना रहे हो. 
सुनन अबू दाऊद, वॉल 3 1405 (हसन) 

✦ अब्दुल्लाह बिन मसूद रदी अल्लाहू अन्हु से रिवायत है की रसूल-अल्लाहसलअल्लाहू अलैही वसल्लम ने फरमाया इंसान उसके साथ रहेगा जिस से वो मुहब्बत करता है.
सही बुखारी, जिल्द 7 ,6168

-----------------------

Comments

Popular posts from this blog

Dua e Noor-to get Noor (light) in heart and body

✦ Namaz mein salam pherne ke baad ye dua padhna sunnat hai

सुबाह और शम और परेशेशनी के वकत पधने की दुआ