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अबू हुरैरा रदी अल्लाहू अन्हु से रिवायत है

★ अबू हुरैरा रदी अल्लाहू अन्हु से रिवायत है रसूल-अल्लाह सलअल्लाहू अलैही वसल्लम ने फरमाया जब फ़र्ज़ नमाज़ की तकबीर (ईकामत) हो जाए तो फ़र्ज़ नमाज़ के सिवा कोई और नमाज़ नही पढ़नी चाहिए
सही मुस्लिम, जिल्द 1, 1644

✦ इब्न बुहाना रदी अल्लाहू अन्हु से रिवायत है की एक बार सुबह के नमाज़ की तकबीर होने लगी और रसूल-अल्लाह सलअल्लाहू अलैही वसल्लम ने देखा की एक शख्स नमाज़ पढ़ रहा है और मुअज़्ज़ीन तकबीर कह रहा है तो रसूल-अल्लाह सलअल्लाहू अलैही वसल्लम ने फरमाया की क्या तुम सुबह की 4 रकात (फ़र्ज़) पढ़ते हो ?
सही मुस्लिम, जिल्द 1, 1650

✦ अब्दुल्लाह बिन सर्जिस रदी अल्लाहू अन्हु से रिवायत है की एक शख्स मस्जिद में आया रसूल-अल्लाह सलअल्लाहू अलैही वसल्लम सुबह की फ़र्ज़ नमाज़ पढ़ा रहे थे उसने मस्जिद के किनारे पर दो रकात सुन्नत पढ़ी और फिर रसूल-अल्लाह सलअल्लाहू अलैही वसल्लम के साथ शरीक हो गया जब आप सललाल्लाहू अलैही वसल्लम ने सलाम फेरा तो फरमाया एह फ़लाह तुमने फ़र्ज़ नमाज़ किसको गिना ? जो अकेले पढ़ी वो या जो हमारे साथ पढ़ी वो ?
सही मुस्लिम, जिल्द 1, 1651

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