✦ अल-कुरान: एह ईमान वालों अल्लाह और उसके रसूल सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की फरमाबरदारी करो और उन लोगों की भी जो तुम में से हाकिम है और अगर किसी बात में तुम में इख्तिलाफ हो जाए तो अल्लाह और उसके रसूल सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ( के हुक्म) की तरफ रुजू करो , ये बहुत अच्छी बात है और अंजाम के लिहाज़ से बहुत बेहतर है
सुरह अन-निसा (4) , आयत 59
✦ अल-इरबाद बिन सारिया रदी अल्लाहू अन्हु से रिवायत है की रसूल-अल्लाह सल-अल्लाहू अलैही वसल्लम ने ऐसी तक़रीर फरमाई जिस से आँखों से आँसू बह निकले और दिल काँप उठे, हमने अर्ज़ किया या रसूल-अल्लाह सल-अल्लाहू अलैही वसल्लम ये तो रुखसत करने वाले की नसीहत है आप हमसे किसी चीज़ का अहद ले ले, आपने फरमाया मैं तुमको ऐसी हमवार ज़मीन पर छोड़ कर जा रहा हू जिसके दिन और रात बराबर हैं इस से वो हटेगा जो हलाक़ होने वाला होगा
जो तुम में से ज़िंदा रहेगा वो बहुत ज्यादा इख्तिलाफ देखेगा तुम पर मेरा तरीक़ा और मेरे हिदायत याफ़्ता खुलफा का तरीक़ा लाज़िम है इसको दाँतों से मज़बूत पकड़ लेना और तुम पर अमीर की इताअत लाज़िम है चाहे वो हबशी गुलाम हो क्यूंकी मोमीन नकेल डाले हुए ऊँट की तरह होता है जिधर चलाया जाता है इताअत करता है-
सुनन इब्न माज़ा , जिल्द 1 , 43 - सही
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